बात उन दिनों की है, जब मेरी छुट्टियां हो गई थीं और मैं अपने घर वापस आया हुआ था.


मैं अपने घर आते ही भाभी की एक झलक पाने को बेचैन हो गया था, पर उस दिन मैं भाभी का दीदार नहीं कर सका.


अगले दिन भाभी एकदम तैयार होकर कहीं जा रही थीं.


आपको बता दूँ कि राजस्थान में औरतें तैयार होकर बहुत सोना पहनती हैं.

उस दिन भाभी तैयार होकर मेरे घर आईं. मैं उस दिन घर पर अकेला ही था.


वे रसोई में गईं और कुछ रखने लगीं. तभी मैं पहुंच गया.

मुझे देखते ही उनको एकदम से हैरानी हुई कि मैं घर में था.


आज भाभी कुछ अलग ही मूड में लग रही थीं.

उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि मैं कैसी लग रही हूँ?


मेरी नजर तो उनके बड़े बड़े रसीले आमों पर थी.

मेरे मुँह से तपाक से निकल गया- अरे भाभी … आप तो आज बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही हो.


मेरा इतना कहते ही वे शरमा कर चली गईं.


चार दिन बाद भैया कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर जाने वाले थे.

उस दौरान भाभी घर पर अकेली रहने वाली थीं.


मेरे लिए ये सही मौका था.


ऊपर से उस दिन बारिश भी होनी शुरू हो गई.

शाम को मम्मी ने मुझे कुछ खाने का सामान देकर भाभी को देने को बोला.


मैं खाना का सामान लेकर उनके कमरे की तरफ जा ही रहा था कि अचानक से मुझे कुछ ख्याल आया.

मैंने उनके कमरे के दरवाजे की सांस थोड़ा झांक कर उनको देखा.


भाभी की साड़ी पैरों से ऊपर को सरकी हुई थी और पेट भी एकदम क्लियर दिख रहा था.

इतना देखते ही मेरा तो लंड तन कर कड़क हो गया.


फिर मैंने आवाज दी और अन्दर चला गया.

भाभी ने खुद को सही किया और मुझे बैठने को कहा.


उस दिन भाभी ने पहली बार मुझसे खुल कर बातें की.

उन्होंने मुझे रात को उनके साथ रुकने को कहा क्योंकि रात को बारिश हो रही थी और बिजली भी कड़क रही थी.


जैसे ही रात को मैं उनके कमरे में पहुंचा, तो देखा वे एक मूवी देख रही थीं.

मैंने भाभी से हैलो कहा.


उन्होंने मुझे अपने पास बिठाया और मुझसे बातें करनी शुरू कर दीं.


आज पहली बार उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या?

मैंने कहा- नहीं भाभी, अभी तक तो नहीं है.


इस पर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मैं अभी तक कुंवारा हूँ.


उनकी बात सुनकर मैंने भी हिम्मत करके भाभी से पूछ लिया.

मैं- भाभी, क्या आपके पति आपको पूरा संतुष्ट करते हैं?


बस मेरा इतना पूछना था कि उनको रोना आ गया.

वे मुँह में साड़ी का पल्लू ठूंस कर चुप हो गईं और उनकी आंखें डबडबा सी गईं.


मैंने उन्हें दिलासा देते हुए कहा- आप प्लीज उदास मत हो भाभी!

मैं कहना तो चाहता था कि मैं हूँ न भाभी … मैं आपकी चूत को ठंडी कर दूंगा. पर कह न सका.


कुछ देर बाद उन्होंने बताया कि उनके पति शराब पीते हैं और उनको मारते हैं. वे प्यार भी नहीं करते हैं.

हम दोनों को यही सब बातें करते करते बहुत रात हो गई.


भाभी ने कहा- चलो अंकित, आज कोई दूसरी मूवी देखते हैं. तुमको कौन सी मूवी देखनी है, वही मैं भी देख लूँगी.

मैंने उनसे कुछ मूवीज को लेकर बात की, फिर मैंने एक इंग्लिश वाली मूवी शुरू कर दी.


थोड़ी देर मूवी चलने के बाद उसमें एक किसिंग सीन आया.

मैं और भाभी एक दूसरे को देखने लगे.

ये देख कर भाभी मुस्कुरा दीं.


फिर उन्होंने कहा- मैं कुछ खाने को ले आती हूँ.

वे उठ कर गईं और चॉकलेट ले आईं.


अब तक मेरा भी लंड तन चुका था. बाहर बारिश का मौसम मेरी वासना को भड़का रहा था.


भाभी के मस्त गोल गोल रसीले दूध मेरे ख्यालों में लौड़े को और ज्यादा तनतना रहे थे.

भाभी चॉकलेट लेकर आईं और मुझे देते हुए खाने को कहा.


आज मेरे सिर पर सेक्स का भूत सवार था.

मैंने कहा- भाभी आज आप ही खिला दो ना!


उन्होंने एक बार भी मना नहीं किया.


वे हंसने लगीं और बोलीं- जैसे मैं खिलाऊंगी, वैसे खाना पड़ेगा!

मैंने कहा- हां ठीक है.


फिर जैसे ही वे मुझे चॉकलेट खिलाने को पास आईं, मैंने उनको किस कर दिया.

बस अब और क्या बचा था. उनको तो इसी संकेत का इंतजार था.


वे मुझे चॉकलेट खिलाना भूल गईं और मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे गहरा चुंबन करने लगीं.

भाभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर किस करने लगीं.


मैंने जीभ चूस कर उनके होंठों को काट कर अलग होते हुए कहा- भाभी चॉकलेट लगा कर करते हैं.

वे बोलीं- मैं तो पहले ही वैसे करने वाली थी, लेकिन तुमने सारा खेल खुद ही शुरू कर दिया.


हम दोनों हंसने लगे.


अब मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों दो प्यासे प्रेमियों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे.


कुछ देर के बाद मेरा मन भाभी के दूध देखने का हुआ. मैंने अपने हाथों से पहली बार उनके मुलायम मुलायम दूध सहलाए और दबाने लगा.

वे वासना से अपने मम्मों को मेरी तरफ तान कर मूक भाषा में चूसने का इशारा करने लगीं.


मैंने बिल्कुल भी देरी किए बिना जल्दी से उनका ब्लाउज खोल दिया और उनके बूब्स चूसने लगा.

अब भाभी का चेहरा देखने लायक था. उनको अपने दूध चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था.


वे अपने हाथ से अपने दूध का निप्पल मेरे मुँह में दे रही थीं और आह आह करके मजा ले रही थीं.

मैं भी उनकी चूची को खींचता हुआ उनकी आखों में वासना से झांक रहा था.


वे भी मदहोशी में मुझे प्यासी नजरों से देख रही थीं.

कुछ देर बाद भाभी बोलीं- अंकित तुम चूसते बहुत अच्छा हो .. और जोर से चूसो ना!


मैं और जोर जोर से भाभी के दोनों थन खींचते हुए चूसने लगा. एक को चूसता तो दूसरे को दबा दबा कर मसलने लगा.


भाभी मीठे दर्द से कराह रही थीं- आह आह आह आह … आह तो सच में न जाने आज कितने बेरहम आदमी से पाला पड़ गया है.

मैंने कहा- भाभी आपका देवर हूँ … आपको पूरा मजा दूंगा.


वे भी मेरे सर को सहलाती हुई अपने मम्मों पर दबा रही थीं और कहे जा रही थीं- आह अंकित मेरी जान … चूस लो मेरे अमृत कलशों को … आह इनका रस चूस कर पी जाओ.


मैं भी लगा रहा और उनके दोनों दूध एकदम लाल कर दिए.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.


मैंने भाभी से कहा- जल्दी से मेरा लंड चूस लो.

भाभी ने मेरी पैंट खोली और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.


आह क्या मस्त लंड चूसा था यार … भाभी ने सचमुच में मुझे जन्नत की सैर करवा दी थी.


वे लंड चूसने में मानो पीएचडी थीं. वे बड़ी मस्ती से मेरे लौड़े के सुपारे को जीभ से चाट कर उसे अपने होंठों से दबातीं और जीभ की नोक से लंड को लिकलिक करने लगतीं.


आह … इतना जन्नती अहसास हो रहा था कि मैं क्या ही कहूँ.

मैंने देखा तो वे किसी रांड की तरह अपनी दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ कर मेरे लौड़े को अपने एक हाथ से खींचती हुई चूस रही थीं और दूसरे हाथ से मेरे टट्टे सहला कर मसल दे रही थीं.


मैंने भी अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखा हुआ था और उनकी तरफ लंड किये हुए मस्ती से चुसवा रहा था.


इस लंड चुसाई के खेल के समय हम दोनों की नजरें एक दूसरे को कामुकता से देख रही थीं.

तभी मैंने अपने दोनों हाथ कमर से हटाए और उनके दोनों दूध पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.

वे अपनी आखों को सिकोड़ कर आह का भाव बनाती हुई मेरे लंड की मां चोद रही थीं.


थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें अपनी जीभ निकाल कर चूत चाटने का इशारा किया तो वे हंस दीं और झट से चित लेट गईं.

मैं उनके ऊपर उलट कर लेट गया और हम दोनों ने 69 वाली पोजीशन बना ली.


अब मैं भाभी की चूत में अपनी जीभ डाल कर चूस चाट रहा था और वे मेरा लंड चूस रही थीं.

मैं उनकी मदभरी आवाज को साफ साफ सुन पा रहा था.


भाभी अपनी गांड उठाती हुई ‘आह आह आह …’ कर रही थीं.

उनको अपनी चूत चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था, शायद भैया उनकी चूत नहीं चाटते थे.


कुछ देर बाद मैंने भाभी को चुदाई की पोजीशन में सीधा कर दिया और उनकी चूत पर चॉकलेट लगा कर चूसना शुरू कर दिया.

इससे उनको और भी मजा आ रहा था क्योंकि वे मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थीं.


थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो.


मेरे से भी रहा नहीं गया और मैंने जल्दी से अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया.

जैसे ही मेरा लंड चूत के अन्दर गया, उनके मुँह से आह आह आह की आवाज निकलने लगी.


मैं उनकी आवाज को सुनकर अनसुना करता हुआ बस झटके पर झटके देता जा रहा था.

भाभी आह आह आह कर रही थीं.


कुछ देर बाद मैंने और जोर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.

अब भाभी के मुँह से मम्मी मम्मी निकल रहा था.


‘नहीं यार अंकित … स्लो स्लो करो प्लीज आह मम्मी मैं मर जाऊंगी … आह आह आह …’


अब मैं झड़ने वाला ही था.

मैंने उनकी तरफ देखा ही था कि उन्होंने झट से कहा- मेरे अन्दर ही आ जाओ. आह आज मुझे अपनी रंडी बना लो.


ऐसा कहकर मैंने भाभी के अन्दर ही अपना पानी छोड़ दिया.

उस रात हमने तीन राउंड सेक्स किया और एक दूसरे को बहुत मजा दिया.


मैं आज तक वह हॉट देसी भाबी की चुदाई की रात नहीं भूला हूँ.

अब तो उनको एक बच्चा भी हो गया है और भाभी मेरा घर भी छोड़ चुकी हैं.


वे एक ऐसी फैमिली से थीं जो कि उस इलाके की बहुत इज्जतदार फैमिली थी.

इसलिए यह मेरा फर्ज बनता है कि मैं भाभी की इज्जत को बनाए रखूँ.


मैं आज भी उनके फिगर को याद करता हूँ. जब भी भाभी का चेहरा सामने आता है, तो उनकी बड़ी बड़ी चूचियां … वह गुलाबी चूत … अहा सोच कर ही मजा आ जाता है.


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