हॉट चाची फक स्टोरी में मैंने बताया है कि कैसे मेरी चाची ने मुझे सेक्स का मजा दिया. उसके बाद चाची की सहेली ने भी हमारे साथ 3सम सेक्स किया.


मेरा नाम अरमान है।

मैं बिहार में पटना के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ।

मेरा लंड 7 इंच का है।


इस हॉट चाची फक स्टोरी में मैं अपनी छोटी चाची की चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ।


मेरे छोटे चाचा दिल्ली में जॉब करते हैं, वहीं रहते हैं.

उनकी बीवी यानि मेरी छोटी चाची का नाम तबस्सुम है.

वे दिखने में बहुत ही गर्म माल हैं.


एक दिन की बात है. तब मेरे चाचा दिल्ली चले गए थे तो मेरी चाची अकेली रह गई थीं.


चाचा के चले जाने से उन्हें अपने कमरे में अकेली ही सोना पड़ रहा था.


मेरी छोटी चाची ने मेरी अम्मी से कहा- आप अरमान को मेरे साथ सोने की कह दीजिए, मुझे अकेले सोने में डर लगता है.

तो मेरी अम्मी ने कहा- ठीक है, अरमान आज से तेरे साथ ही सो जाया करेगा.


अम्मी ने मुझसे चाची के साथ सोने की कह दी.

मैं उसी दिन छोटी चाची के साथ सोने के लिए चला गया.


हम दोनों एक ही कंबल में सो गए.

अभी तक मुझे उनकी चुदाई का ख्याल नहीं आया था.


वह ठंड का समय था तो चाची ने मुझे अपने करीब ही लिटा लिया था.


थोड़ी देर में मुझे नींद आ गई और मैं सो गया.


करीब एक बजे मेरी नींद खुल गई.

उस वक्त चाची ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ रखा था.


यह महसूस करते ही मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी.

मैं आंख बंद करके उनके रेशमी जिस्म का अहसास करने लगा.


कुछ ही देर बाद मुझे उनके दूध अपने सीने से गड़ने से लगे थे.

यह महसूस करते ही मुझे उनकी चुदाई करने का मन करने लगा.


मैंने धीरे से अपने हाथ से उनके एक दूध को स्पर्श किया.


इस पर चाची की तरफ से कोई हलचल नहीं हुई.

इससे मेरा साहस और बढ़ गया.


मैंने ऊपर से ही उनके एक दूध को दबाना चालू कर दिया.

उनका निप्पल मेरी उंगलियों का स्पर्श पाकर कुछ कड़क सा होने लगा.


चूंकि मैं अनुभवी नहीं था, वर्ना उसी समय समझ जाता कि चाची की वासना मुझे अपना शिकार बना रही है.


अब मैंने हल्के हाथ से उनके कुर्ते के गहरे गले में अपना हाथ डाल दिया और उनके दूध सहलाने लगा.

कुछ देर बाद मुझे चुल्ल होने लगी तो मैंने हाथ निकाल कर उनका कुर्ता ऊपर कर दिया और उनके दोनों स्तनों को बाहर निकाल लिया.


चाची के मम्मों को देखते ही मुझे मजा आने लगा.

मैं उनके दोनों बूब्स को बारी बारी से दबाने लगा.


चाची की तरफ से अभी भी कोई हलचल नहीं हो रही थी.

अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया.


चाची ने पैंटी भी नहीं पहनी थी, तो उनकी रेशमी झांटों की मीठी चुभन से मुझे मजा आने लगा.


मैं कुछ देर झांटों से खेला और उसके बाद उनकी चूत में उंगली को डाल दिया.

उनकी चूत गीली सी थी लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि चूत क्यों गीली है.


मैं उनकी चूत में उंगली चलाने लगा मगर अभी भी चाची की तरफ से कोई हलचल नहीं हुई.

अब मैं समझ गया था कि वे जाग गयी हैं और चूत में मेरी उंगली का मजा ले रही हैं.


यह सोचते ही मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई.


मैंने उनकी सलवार को अपने पैरों की मदद से नीचे किया और उतार दिया.

अब वे नीचे से नंगी थीं.


उसके बाद मैंने उनके कुर्ते को भी निकाल दिया और उनसे चिपट गया.


मैं समझ गया था कि चाची अब मेरे लौड़े से चुदने के लिए तैयार हैं.

अब मैंने उनकी चूचियों को अपने होंठों से चूमना और चूसना शुरू कर दिया.


थोड़ी देर चूचियां चूसने और मसलने के बाद मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.

छोटी चाची पहले से ही पूरी नंगी थीं.


मैंने उनकी चूत को देखा, तो बस देखता ही रह गया.

मुझे वासना का नशा सा छाने लगा.


मैंने उनकी दोनों टांगों को फैला दिया और उनकी चूत की दरार में अपना लंड रख कर रगड़ने लगा.


चाची की टांगें पूरी तरह से फैली हुई थीं और चूत लगातार पानी टपका रही थी.

मैंने सुपारा फंसा कर एक धक्का लगाया, तो मेरा लंड फिसल गया.


फिर मैंने दूसरा झटका लगाया.

इस बार मेरा आधा लंड चाची की चूत में चला गया.


लंड अन्दर जाते ही चाची की जोर से आह निकलने को हुई.

पर मैंने झट से उनके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और उन्हें किस करने लगा.


कुछ देर तक लंड ने चाची की चूत को दर्द दिया, पर अब वे भी मेरा साथ दे रही थीं.


मैंने चूत का सहयोग देखा तो एक और झटका दे मारा.

इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया था.


चाची कसमसा रही थीं और किसी तरह से लंड को चूत में झेलने की कोशिश कर रही थीं.


मैं भी अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ ही देर में चाची को भी मजा आने लगा और वह आराम से चुदाई का मजा लेने लगी थीं.


उसके बाद मैंने अपना वीर्य उनकी चूत में ही गिरा दिया और झड़ गया.

कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया.


अब वे मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थीं.

मेरा लंड खड़ा हो गया और दुबारा चूत चुदाई की स्थिति बन गई.


इस बार मैंने चाची को घोड़ी बना दिया और अपने लंड पर थोड़ा तेल लगा कर चिकना कर लिया.

वे गांड हिला रही थीं तो मैं उनकी गांड में लंड पेलने की कोशिश करने लगा.


चाची ने कहा- गलत जगह जा रहा है.

मैंने कहा- नहीं, सही जगह जा रहा है. मैं आपकी गांड मारना चाह रहा हूँ.


इस पर चाची ने बताया कि मैंने आज से पहले कभी अपनी गांड नहीं मरवाई है.

मैंने कहा- तो क्या हुआ, कभी तो शुरुआत होनी ही है.


यह कहते हुए मैंने एक जोरदार झटका मारा.

इस झटके मेरा लंड का टोपा उनकी गांड में चला गया और उनकी कराह निकल गई.

मैंने अपने हाथ से उनके मुँह को बंद कर दिया.


उनकी आंखों से आंसू निकल आए थे.

मैं थोड़ी देर तक रुका रहा.


जैसे ही उनका दर्द कम हुआ, तब मैंने धीरे धीरे करते हुए अपना पूरा लंड उनकी गांड में उतार दिया.




कुछ देर के दर्द के बाद अब उनको भी मजा आने लगा.

चाची बोलीं- थोड़ा और जोर से पेलो अरमान!


मैं और जोर से उनकी गांड बजाने लगा.


वे मस्ती से बोलीं- आज तक तेरे चाचा मुझे इतना मजा नहीं दिया, जितना तुमने मुझे एक ही रात में दे दिया है.

मैंने कहा- आप अब चिंता मत करना चाची. मैं आपको रोजाना ऐसे ही मजा दूंगा.


वे बोलीं- जब तुम सो रहे थे, तब मैंने तुम्हारे लंड को अपने मुँह में लिया था. तुम्हें अहसास हुआ था क्या?

मैंने आश्चर्य से कहा- यह तो मुझे मालूम ही नहीं चला!


उसके बाद मैंने काफी देर तक उनकी गांड चुदाई की और उसके बाद मैं उनकी चूत में लंड डाल कर झड़ गया.


हम दोनों लंड घुसेड़े हुए ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए.


मैं सुबह 5 बजे उठा तो देखा कि चाची तो चूत पसारे सो रही हैं.

मैंने उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड उनकी फटी चूत में डाल दिया और उन्हें चोदने लगा.


वे भी जाग गई थीं और मुझे अपने दूध चुसवाती हुई चुदाई का मजा ले रही थीं.


मैंने चाची को बीस मिनट तक चोदा और उसके बाद अपने कपड़े पहन कर बाहर चला गया.


अगली रात को मैं फिर से उनके पास सोने गया.

उस दिन तो मैं उनको देखते ही दंग रह गया.

मैंने देखा कि चाची एक काले रंग की नाइटी में बिना ब्रा पैंटी के थीं.


मैं जैसे ही अन्दर गया, उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और मुझे धक्का देती हुई बिस्तर में आ गईं.

एक ही कंबल में हम दोनों लेट गए.


थोड़ी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के साथ चूमाचाटी का मजा लेते हुए घर वालों के सोने का इंतजार किया.


उसके बाद चाची मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगीं.

फिर जैसे ही मेरा लंड कुछ कड़क सा हुआ, उन्होंने लंड को पैंट से निकाल कर अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से चूसने लगीं.


थोड़ी देर बाद मैंने उनसे कहा- अब रहा नहीं जा रहा यार!

वे हंस दीं और चूत पर हाथ फेर कर इशारा करने लगीं.


मैंने उनको लिटाया और उनकी चूत में अपनी जीभ लगा दी.

वे मस्ती से चूत चटवाने लगीं.


फिर मैं अपना लंड चूत मे सैट करने लगा तो चाची बोलीं- अरमान रुक जाओ, पहले कंडोम पहन लो.

मैंने कहा- कल तो रस अन्दर ही टपकाया था?


वे कहने लगीं- हां … पर रिस्क नहीं लेना चाहिए.

यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर कंडोम पहना दिया.


मैंने कंडोम पहनने के बाद एक ही बार में अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया और देर तक उनकी चूत चोदता रहा.

मैं उनकी चूचियों को दबाता और चूसता रहा.


वे गांड उठाती हुई चुद भी रही थीं और बोल भी रही थीं- अरमान थोड़ा आराम से कर ना … अभी पूरी रात बाकी है.

मैंने लंड निकाल लिया और उनकी चूत को सहलाने लगा.


फिर मैंने उनकी चुदाई दूसरी पोजीशन में की.

वे झड़ गईं तो मैं उनकी गांड में लंड डालकर अन्दर बाहर करने लगा.


अब मैंने कहा- यार चाची, कंडोम लगा कर चोदने में मजा नहीं आ रहा है!

उन्होंने भी कहा- हां यार, चमड़ी से चमड़ी की रगड़ का सुख नहीं मिल रहा है.


मैंने कहा- निकाल दूँ?

वे बोलीं- हां निकाल दो.


मैंने कंडोम निकाल दिया और उनकी गांड मारने लगा.

उस दिन मैंने पूरी रात हॉट चाची फक का मजा लिया, उनको बहुत चोदा.


अगले दिन सुबह चाची को बुखार चढ़ आया था.

मेरा बदन भी टूट रहा था.


इस तरह से हम दोनों रोजाना सेक्स करने लगे थे.

गर्भवती होने से बचने के लिए चाची दवा लेने लगी थीं.


फिर एक बार मैंने उनके साथ उनकी एक सहेली को भी चोदा.

उनका नाम रुखसार है.


उस दिन जब मैं उनके पास सोने गया तो देखा कि वहां उनकी सहेली रुखसार भी आई हुई थी.


मैंने चाची से पूछा- ये कौन हैं?

चाची बोलीं- ये मेरी सहेली है रुखसार … ये आज यहीं सोएगी और कल अपने घर जाएगी.


मैंने कहा- ठीक है, आज आप लोग सो जाएं. मैं कल आ जाऊंगा.

रुखसार बोली- अरे सब लोग साथ में ही सो जाते हैं न!


चाची ने मुझे आंख दबा कर इशारा किया तो मैं समझ गया.

फिर हम तीनों लोग एक ही कंबल में सोने लगे.


थोड़ी देर बाद उनकी सहेली मेरे लंड को पकड़ने लगी.


मैंने कहा- आप ये क्या कर रही हैं?

चाची ने कहा- आज हम तीनों सेक्स करेंगे. तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है?

मैं बोला- मुझे क्या दिक्कत है?


तब चाची ने मुझे एक गोली दी, बताया कि इससे सेक्स करने की ताकत बढ़ेगी.

मैंने वो गोली खा ली.


इसके बाद वे दोनों नंगी हो गईं और मुझे भी नंगा कर दिया.


वे दोनों मिलकर मेरे लंड को चूसने लगीं.

थोड़ी देर बाद दवा असर करने लगी.


मैंने रुखसार से कहा- चलो खाला … आप लेट जाओ.

वे लेट गईं.


मैंने उनकी दोनों टांगें उठा कर अपना लंड उनकी चूत में सैट कर दिया.

वे जब तक कुछ समझ पातीं, तब तक तो मैंने उनकी चूत में लंड डाल ही दिया.

वे कराहने लगीं.

मैं ताबड़तोड़ चुदाई में लग गया.


कुछ मिनट बाद मैंने उनको घोड़ी बनाया और उनकी गांड में लंड डाल दिया.

उनको गांड में दर्द होने लगा लेकिन वह पहले गांड मरवा चुकी थीं तो उनको ज्यादा देर दर्द नहीं हुआ.


उनके बाद मैंने छोटी चाची को घोड़ी बना कर उनकी गांड भी मारी.

फिर उनकी चूत चोदी.

जब चाची झड़ गईं, तो मैंने अपना लंड निकाल कर उन दोनों से चुसवाया.


मेरे लंड से वीर्य निकला, तो रस को उन दोनों के मुँह में ही निकाल दिया.

रुखसार को उस रात में मैंने दो बार चोदा और चाची को सिर्फ एक बार!


अब ये सिलसिला चलने लगा था.

चाची बहुत बड़ी चुदक्कड़ निकलीं.


मैं अभी तक उनकी चार सहेलियों को चोद चुका हूँ.

उनकी चुदाई की कहानी को मैं अगली बार लिख कर बताऊंगा.